२००५ में अपने स्मार्ट मिनी ट्रक टाटा एस के लॉन्च के साथ ही एससीवी उद्योग पर टाटा मोटर्स का राज कायम है. बीते सालों में ये तेज़ और भरोसेमंद कमर्शियल वाहन होने के अपने वादे पर खरा उतरने के साथ ही ग्राहकों की पसंद बन चुका है. टाटा एस के लॉन्च की बेमिसाल सफलता के बाद, टाटा मोटर्स ने बाज़ार में और बेहतर वाहन और मिनी ट्रक पेश करने का सपना देखा और इस तरह वक़्त के साथ टाटा एस परिवार विकसित हुआ.
भारत के जानेमाने ऑटोमोबाइल उत्पादक होने के नाते, टाटा मोटर्स का प्रयास है कि वो न सिर्फ सुरक्षित और टिकाऊ वाहन बनाएं बल्कि आने वाले समय में खरीदारों के लिए उनके वाहन एक खज़ाना साबित हों. अपनी बेजोड़ टेक्नीकल स्पेसिफिकेशन और आफ्टर सेल्स सर्विस की वजह से मिनी ट्रक मार्केट में टाटा एस परिवार की प्रमुख हिस्सेदारी है. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में ये एक वरदान ही है क्योंकि इसने रोज़गार के कई अवसर पैदा किये हैं, खासकर युवाओं के लिए.
टाटा एस के प्रमुख इस्तेमाल हैं, ख़राब होने वाले सामान, कंस्ट्रक्शन मटीरियल, मिनरल वॉटर, सीमेंट, फर्नीचर आदि का परिवहन. किसी भी कमर्शियल वाहन में माइलेज का महत्व होता है और टाटा एस इस पैमाने पर भी आगे है. टाटा एस अपने सभी कमर्शियल वाहनों में विशाल फ्युएल टैंक देता है जिससे लंबी दूरी का सफ़र आसानी से तय हो सके.
टाटा एस भारत का सबसे ज़्यादा बिकने वाला लाइट कमर्शियल वाहन है. पिछले १३ साल में २० लाख वाहनों की बिक्री पार करके इसने ज़बरदस्त विकास किया है. टाटा मोटर्स के डीलर देश के कोने कोने में फैले हैं.
ज़िप एक्सएल, एस एक्सएल और एस मेगा एक्सएल वाली एक्सएल श्रेणी ने अपनी किफायती कीमत और कम मेंटेनेंस लागत से मिनी ट्रक के क्षेत्र में एक क्रांति लाई है और इस तरह देश भर के छोटे व्यवसायीओं और स्व-रोज़गार वाले उद्यमियों को सशक्त बनाकर उन्हें आगे बढ़ाया है. विविध परिस्थितियों में अपने बहुमुखी प्रदर्शन की बदौलत टाटा एस भारत में लाइट कमर्शियल वाहनों की श्रेणी में अग्रणी बना हुआ है.