भारत में लास्ट माइल डिलीवरी का किंग (बादशाह) - टाटा ऐस, जिसे प्यार से 'छोटा हाथी' या 'स्माल एलीफैंट' के नाम से जाना जाता है, ने 2021 में 16 साल पूरे किए!
23 लाख से अधिक वाहनों की बिक्री के साथ, टाटा ऐस ने भारत की अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता को अनलॉक करते हुए और भारत में लाखों लोगों को उद्यमिता में ऊपर उठाते हुए, लास्ट माइल डिलीवरी में अपनी क्षमता साबित की है।
वर्ष 2005 में लॉन्च होने के समय से ही, टाटा ऐस को भारत में मिनी ट्रक के सेगमेंट में ग्राहकों की नंबर 1 पसंद माना जाता है।
सभी प्रकार के इलाकों और मौसम की स्थिति में इसके टिकाऊ स्थायित्व और दक्षता की वजह से, आप भारत के हर कोने में आप टाटा ऐस पाएंगे। इसके उपयोग स्पेक्ट्रम तक फैले हुए हैं यानी टाटा ऐस का उपयोग आज ई-कॉमर्स से लेकर कोल्ड चेन तक और फूड ट्रक से लेकर वेस्ट मैनेजमेंट तक हर क्षेत्र में किया जाता है।
ये सब कहां से शुरू हुआ:
यह सब सदी के अंत में शुरू हुआ। टाटा मोटर्स का उपभोक्ता की जरूरतों के अनुसार प्रोडक्ट (उत्पाद) को डिजाइन करने का इतिहास रहा है। इसलिए, टाटा मोटर्स ने पूरे भारत में ट्रक ड्राइवरों से बातचीत करने के लिए क्रॉस फंक्शनल टीमों को भेजा और यह समझा कि बाजार और उनकी जरूरतें कैसे विकसित हो रही हैं।
गिरीश वाघ नाम के एक 29 वर्षीय इंजीनियर को 4 टन से कम के बाजार का अध्ययन करने के लिए नियुक्त किया गया था। इस जगह पर ज्यादातर तिपहिया वाहनों का कब्जा था। इस श्रेणी में कोई चौपहिया वाहन नहीं था और किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी।
हालांकि, युवा इंजीनियर श्री वाघ ने कोयंबटूर में एक छोटे ट्रांसपोर्टर के साथ एक बहुत ही ख़ास बातचीत की। चालक अपने तिपहिया वाहन के लिए एक अधिक स्थिर और सुरक्षित विकल्प चाहता था लेकिन एकमात्र विकल्प एक हल्का कमर्शियल वाहन था, जो उसके साधनों से काफी आगे हो।
इस बातचीत से कुछ क्रांतिकारी बातों की शुरुआत हुई। श्री वाघ ने पूरे भारत में ड्राइवरों और मालिकों के साथ कई बार और बातचीत की। टाटा मोटर्स ने पूरे उद्योग का एक मैक्रो प्रोजेक्शन चालू किया। इसने भारतीय परिवहन में हब और स्पोक मॉडल के उद्भव की पुष्टि की। बड़े नेतृत्व को इसके बारे में जानकारी दी गई।
इस नए आइडिया के लिए हर कोई उत्साहित था। जरूरतों की पहचान की गई। अगला कदम उत्पाद विकास (प्रोडक्ट डेवलपमेंट) था।
इस पहले अनसुने मिनी ट्रक का विकास नवाचार में एक केस-स्टडी है। बाजार में केवल एक सिलेंडर या 4 सिलेंडर इंजन थे। वैश्विक स्तर पर ऐसा कोई ऑफ-द-शेल्फ इंजन उपलब्ध नहीं था, जो टाटा ऐस की कल्पना की गई अनूठी आवश्यकताओं को पूरा करता हो।
अंततः स्वदेशी 2 सिलेंडर इंजन तक पहुंचने में 2002 के मध्य तक का समय लग गया, जिसने उच्च स्तर पर प्रदर्शन किया, और इसने एक तिपहिया की ईंधन दक्षता के साथ प्रतिस्पर्धा की तुलना में लगभग 1/3 खर्च किया। यह इंजन टाटा ऐस की अपराजेय यूएसपी बन गया।
टाटा ऐस के उत्पादन ने प्रोडक्शन मॉडल और प्रक्रियाओं में बड़े नवाचारों को जन्म दिया। मिनीट्रक का नाम ‘ऐस’ खुद रतन टाटा ने रखा था।
जब टाटा ऐस को आखिरकार 2005 में लॉन्च किया गया, तो यह बाजार में छा गया।
स्टाइलिश लुक्स, शानदार पिकअप, माइलेज और रखरखाव में आसानी आदि विशेषताओं के चलते सब कुछ ग्राहकों द्वारा बेहद सराहा गया, क्योंकि वे समझ सकते थे कि इससे उन्हें हर दिन लाभ ही लाभ होने वाला है।
टाटा ऐस तेजी से एक अनदेखे बाजार का सितारा बन गया। तब से हर साल टाटा ऐस के बाजार शेयर बढ़ते चले गए। पुरस्कारों और सम्मानों का सिलसिला जारी रहा। ऐस प्लेटफॉर्म पर कई प्रकार और सुधार किए गए। 2012 में टाटा ऐस ने 1 मिलियन सेल्स को पार कर लिया।
टाटा ऐस की यात्रा में सबसे बड़ी उपलब्धियां नीचे दी गई हैं:
2005
टाटा ऐस - भारत का पहला मिनी ट्रक लॉन्च
2006
टाटा ऐस HT लॉन्च टाटा ऐस ने जीता 'बीबीसी-टॉप गियर' डिजाइन ऑफ द ईयर 2006 का पुरस्कार
2007
टाटा ऐस ने 1 लाख बिक्री का आंकड़ा पार किया यात्री परिवहन के लिए टाटा मैजिक लॉन्च
2008
पंतनगर में समर्पित प्लांट स्थापित टाटा ऐस सीएनजी टाटा ऐस सीएनजी मिनी ट्रक लॉन्च
2009
टाटा सुपर ऐस और टाटा ऐस EX पेश किया गया 5 साल में 5 लाख की बिक्री
2010
टाटा ऐस - इंडिया का पहला 1 लाख प्रति वर्ष सीवी ब्रांड कुल बिक्री 5 लाख के पार टाटा ऐस ज़िप मिनी ट्रक
2011
टाटा मैजिक IRIS और टाटा ऐस Zip लॉन्च
2012
टाटा ऐस फैमिली ने 1 मिलियन यूनिट्स की बिक्री का जश्न मनाया टाटा सुपर ऐस मिंट मिनी ट्रक
2014
नई सुपर ऐस मिंट लॉन्च
2015
ऐस मेगा स्मॉल पिकअप और टाटा ऐस मेगा पिकअप लॉन्च
2016
ऐस Zip सीएनजी और टाटा ऐस XL मिनी ट्रक्स लॉन्च
2017
XL रेंज पेश किए गए टाटा ऐस फैमिली ने 2 मिलियन का आंकड़ा पार किया टाटा ऐस हर 3 मिनट में बिकता है
2018
ऐस गोल्ड लॉन्च
2020
ऐस गोल्ड पेट्रोल लॉन्च
आज:
आज, टाटा ऐस गोल्ड पेट्रोल बीएस6 लेटेस्ट एडिशन है। यह वास्तव में समय की आवश्यकता है और पूरे भारत में ट्रांसपोर्टरों द्वारा इसका तहे दिल से स्वागत किया गया है। यह ज्यादा माइलेज, पावर और पिकअप हाई पेलोड और सबसे कम रखरखाव के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके चलते यह अपनी श्रेणी के हर दूसरे वाहनों के बीच उच्चतम राजस्व प्रदान करना जारी रखे हुए है।
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इसने भारत में हर जगह हजारों लोगों को करोड़पति बनाया है। ड्राइवर मालिक बन गए हैं और एकल ट्रक मालिक बड़े ट्रांसपोर्टर बन गए हैं। हर तीन मिनट में एक टाटा ऐस बेचा जाता है। क्या आप अगले एसीईप्रेनूर (ACEprenur) होंगे?
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